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सावन में विशेष द्रव्यों के अभिषेक से करे मनोकामनाओं की पूर्ति

क्या आप जानते है शिवलिंग की पूजा करने से त्रिदेवों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का पूजन हो जाता है। जी हाँ! यह सच है, और यही शिवलिंग की विशेषता है। शिवलिंग के मूल में जगतपिता ब्रह्मा का निवास है तो मध्य में जगत के पालनकर्ता विष्णु और ऊपर स्वयं भगवान शिव निवास करते हैं। इसलिए शिवलिंग का पूजन त्रिदेवों के पूजन का फल प्रदान करता है। और सावन माह तो इसके लिए सर्वश्रेष्ठ है।

लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी किस कामना की पूर्ति किस द्रव्य और पुष्प के अभिषेक से होगी? नहीं, तो जान लीजिए और नोट कर लीजिए।

गंगाजल से अभिषेक करने पर सभी सुखों की प्राप्ति होती है। आरोग्य प्राप्ति के लिए, लंबे समय से किसी बीमारी से परेशान है तो उससे मुक्ति के लिए जलधारा से अभिषेक करें। विवाह पश्चात संतान नहीं हो रही है और आंगन में किलकारी गूंजने की प्रतीक्षा है तो घृत यानी घी से अभिषेक करने से सूनी गोद भरेगी। दीर्घायु व पारिवारिक शांति के लिए दूध से अभिषेक करना उपयुक्त रहता है तो पापों से मुक्ति के लिए शहद से अभिषेक करें। सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए पानी में केसर व चंदन का मिश्रण कर शिव का अभिषेक करें। शांति के लिए जल में कुशा मिलाकर अभिषेक करें। धन-धान्य की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करें। शत्रुनाश के लिए सरसों के तेल का अभिषेक करें। दाम्पत्य सुख प्राप्ति के लिए इत्र से अभिषेक करें। रोजगार प्राप्ति के लिए कच्चे दूध में केशर व मिश्री मिलाकर अभिषेक करें। छात्रों के लिए विद्या प्राप्ति में आ रही बाधाओं को दूर करने, अध्ययन में एकाग्रता के लिए गंगाजल में दूध मिलाकर अभिषेक करें। भांग व धतूरे से पूजा करने पर भय से मुक्ति तथा रोगों का नाश होता है।

इन सब कामनाओं की पूर्ति के लिए अभिषेक के समय आप जल चढाते हुए ‘‘ऊँ नमः शिवाय’’ का जाप करते रहें। पूरे सावन अगर संभव नहीं हो तो सावन के चारों सोमवारों को शिवलिंग का अभिषेक व पूजन अवश्य करें।

अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति व भोलेनाथ शिव के विशेष आशीर्वाद प्राप्ति के लिए आप पंचामृत से उनका अभिषेक करें। लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि पंचामृत सावधानी से बनाएं, वरना बन जाएगा विषः पंचामृत बनाने में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक है क्योंकि इसके अभाव में पंचामृत अशुद्ध माना जाता है और अशुद्धता विष समान होती है। अगर आप पंचामृत से अभिषेक करते हैं तो पंचामृत बनाने की सही विधि आपको पता होनी चाहिए।

कैसे शुद्ध हो पंचामृत: यह तो सभी जानते हैं कि पंचामृत में दूध, दही, घी, शक्कर और शहद का मिश्रण होता है। लेकिन किस द्रव्य की कितनी मात्रा हो इसका ज्ञान सभी को नहीं होता। शुद्ध पंचामृत के लिए आप जितना दूध लें, उससे आधा दही लीजिए। यानी एक किलो दूध है तो आधा किलो दही, दही से आधा शक्कर यानी पाव भर शक्कर, शक्कर से आधा मधु यानी शहद यानी 125 ग्राम और इससे आधा घी यानी 50 या 60 ग्राम घी होना चाहिए। तब शुद्ध पंचामृत तैयार होगा।

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