जीवन में कोई भी कार्य यदि प्लानिंग से किया जाएं तो उसमें सफलता सौ प्रतिशत मिलने के चांसेज रहते हैं। अब प्लानिंग पर बात करें तो ये प्लानिंग या आप की जुबान में काउंसलिंग हमें कहा से मिलती है। इसको लेकर संशय करने की जरूरत ही नहीं है, आप और हम बरसों से इस विद्या से कार्य करते आए हैं। पहले हमारे घर के बड़े-बुजुर्ग हमारी ओर से सलाह मांगे बिना ही भीविष्य की सही ट्रेक पर डाल देते थे। यहां डाल देते थे का भी अर्थ है, मतलब हमारे पैरंट्स हमसे कभी नहीं पूछते की तुम क्या बनना चाहते हो।
क्या समय की मांग है एस्ट्रो काउंसलिंग-
इसके बाद समय बदला परिवार की लिविंग स्टाइल बदली। अच्छी पोस्ट वाले पैरेंट्स के बच्चों के फ्यूचर को लेकर काउंसलिंग जरूरी हो गई। इसके भी अलग-अलग पार्ट हो गए हैं। एज्यूकेशनल काउंसलिंग, पर्सनल्टी डेवलप के लिए काउंसलिंग, लाइफ मैनेजमेंट काउंसलिंग, अरैंज मैरिज काउंसलिंग, पति-पत्नी के विवाद को निपटाने के लिए लीगल काउंसलिंग वगैरा-वगैरा। इन सब व्यवस्थाओं के अलावा एक ओर काउंसलिंग है, जिसे आप और हम ही नहीं हमारी सात पीढ़ियां इसे अपनाती आ रही है। ज्यादा गहराई में नहीं जाए ये काउंसलिंग है एस्ट्रो काउंसलिंग या अपनी जुबान में ज्योतिषी सलाह। जिसके बिना हमारे पूर्वज एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाते थे। असर इतना कि ज्योतिषी के कहने के बाद वो कोई कार्य नहीं करते थे जिनके लिए मना किया होता था। यहां तक की किसी से पैसा भी वसूलना होता तो ज्योतिष की ओर से बताई डेट के बाद ही वसूली की जाती और उसमें सफलता भी मिलती। हां बच्चों के भविष्य को लेकर भी उन दिनों सलाह ली जाती थी। मगर वो लोग एका दूका ही होते थे। आज के अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर सीरियस होने लगे हैं और उसके कॅरियर की काउंसलिंग को लेकर हजारों रूपए फीस चुका काउसंलर की सलाह पर उसके कहे सब्जेक्ट में बच्चे का भारी डोनेशन देकर दाखिला करवाते हैं। बस यहीं पर एस्ट्रो काउंसलिंग अपना काम करती है, यहां आपके मन में शंका के साथ ये शब्द कि वो कैसे निकलना लाजिमी है। वो इस तरह कि हर बच्चे के भाग्य में ईग्श्वर ने उसकी रूचि डाली है। मारवाड़ व ज्योतिष भाषा में उसे हर घर में बोला जाता है, टाबर रा भाग बैमाता पैला ही लिख दिया। भगवान जो चाहेगा वही इसकी फितरत होगी, तो हम फिर से अपने मूल लक्ष्य तक आते है, कि ज्योतिष कैसे तय करेंगे कि अमुक बच्चा डाॅक्टर बनेगा या इंजीनियर या फिर बड़ा सिंगर बनेगा या एक्टर। इससे भी ऊपर सोचें तो आईएस या आईपीएस बनेगा या फिर इस पद से नीचे किसी प्रशासनिक पद पर आसीन होगा। इन सब शंकाओं को ज्योतिष ही सही ओर सटीक जवाब दे सकता है और इसके लिए चाहिए क्या सिर्फ और सिर्फ बच्चे की जन्मकुंडली। इसके बिना भी विद्वान ज्योतिषी उसके भविष्य को लेकर भविष्यवाणी कर सकता है, मगर उसमें सटीक डेट या समय को लेकर कुछ ऊपर नीचे हो सकता है। वहीं जन्मकुंडली से तो आपको पूरी लाइफ की बायोग्राफी मिल सकती है। आपकी लाइफ में क्या अच्छा होने वाला है और क्या बुरा इसी फीलिंग को कम ज्यादा करने की काउंसलिंग है, एस्ट्रो काउंसलिंग। हाँ इसमें एक बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, इस विद्या को लेकर प्रिंट व विजुअल मार्केट में बहुत से काउंसलर लाइफ बदलने का दावा करते हैं तो यहां यह क्लीयर कर दें, कि लाइफ या भाग्य कर्म से बढ़कर नहीं है। भाग्य कर्म की वो गोल्डन की है जो सही समय पर लगाने से बिना किसी व्यवधान के आपको मन चाहा रिजल्ट देती है।