शनिवार को नए वस्त्र, नए आभूषण नहीं पहने। सोमवार तथा मंगलवार को यदि अति आवश्यक हो, अनिवार्य हो तथा नए वस्त्र पहने। इससे पहले नए वस्त्रों को घर के देवी-देवता के पूजा स्थान तथा जल से भरे कलश या मिट्टी के घड़े पर चढ़ाकर इनके मंगलमय, शुभ होने की प्रार्थना कर लें। अगर बुध, बृहस्पति, शुक्रवार के दिन रोहिणी, पुष्य, पुनर्वसु, उत्तराफाल्गुनी, रेवती, धनिष्ठा नक्षत्र हो तो इन दिनों पहने गए वस्त्र अधिक शुभ, मनोरथपूर्ण करने में सहायक होंगे।
वस्त्रों यानी परिधानों का अपना अर्थ है-
परिधानों का शरीर की क्रिया से संबंध है। अगर चुस्त वस्त्र पहने हैं तो चाल में गति बढ़ेगी, दो-दो सीढ़ियां एक साथ चढ़ जाएंगे। अगर सैनिकों को साधु-सन्यासियों जैसे ढीले-ढाले वस्त्र पहनाएं तो वह युद्ध नहीं कर सकते, दौड़ नहीं सकते। इसके लिए चुस्त वस्त्र चाहिए ताकि उससे कोई बाधा नहीं हो, गति तीव्रता, श्रम करने की सुविधा बनी रहे। चुस्त वस्त्र पहनने में बुरा नहीं है। लड़कियाँ, युवक भी ऐसे वस्त्र पहने, पर इसकी दृष्टि क्या है, सोंचे। अगर चुस्त वस्त्रों का अर्थ सेक्सुअल एक्सप्रेशन है, तो गलत है। ऐसी दृष्टि ऐसे चुस्त वस्त्रों का कारक ग्रह शनि अधर्म, अशिष्ठता, असभ्यता, आचारहीनता के कारण अप्रिय, अशुभ, प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने का कारण बन सकता है। यह क्यों भूलें कि यह ग्रह अंधकार, नैराष्य, उद्धिग्रता, अधर्म, दुर्घटना, दोषरोपण, असम्मान का सूचक भी है। धर्म, कत्र्तव्य, अनुशासन, चरित्र, नैतिकता की पालना पर शनि के साथ मंगल के भी शुभ प्रदत्त परिणाम है।
भारतीय ज्योतिष में वस्त्रों के साथ उसके रंगों की भूमिका –
अगर प्रति सप्ताह के हर दिन ’कलर कोड’ यानी रंग चयन की बात करें तो चन्द्रमा के दिन सोमवार को सफेद या क्रीमी, मंगलवार को लाल, या इस रंग के गहरे शेड्स बुधवार को हरा, गुरूवार को पीला या गोल्डन, शुक्रवार को कोई भी शाइनी रंग, शनिवार को ब्लैक, वाॅयलेट, ब्लू, पर्पल, तथा रविवार को आॅरेंज या पिंक रंग के वस्त्र पहनना उचित होगा। राशिगत रंगों की बात करें तो मेष राशि का स्वामी मंगल है तो लाल, वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है तो सिल्वर गोल्डन, चमकदार रंग, मिथुन राशि का स्वामी बुध है तो हरा-ग्रीन रंग, कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है तो सफेद या क्रीमी रंग, सिंह राशि का स्वामी सूर्य है तो लाल तथा नारंगी रंग, कन्या राशि का स्वामी बुध है तो गहरा ग्रीन, तुला राशि का स्वामी शुक्र है तो नीला, सिल्वर या सफेद रंग, वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है तो लाल, रंग, धनु राशि का स्वामी गुरू है तो पीला या गोल्डन रंग, मकर राशि का स्वामी शनि है तो ब्लू रंग, कुंभ राशि के स्वामी राहु-शनि दोनों हैं तो ब्लू, पर्पल, आॅरेन्ज तथा मीन राशि का स्वामी गुरू होने से ग्रीन, गोल्डन रंग के वस्त्र पहने। हम क्यों भूले कि भारतीय जल, थल तथा नभसेना के वस्त्रों का रंग, पुलिस की वर्दी का रंग पूर्णतः ग्रहधारित है। अस्पतालों में डाॅक्टर नर्स, कम्पाउन्डर के सफेद परिधाान वस्त्रों का महत्व, प्रभाव, पहचान को ग्रहधार से जाना जा सकता है। इन रंगों के वस्त्रों से व्यक्त्वि में सकारात्मक स्थिति निर्मित होती है।