मंत्रों
के जाप से हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर भी विशिष्ट प्रभाव पड़ता है। प्राचीन काल में जब रोगों के उपचार की पद्धतियां प्रचलित नहीं थी तब मंत्र जाप से ही रोग निवारण होता था। विभिन्न रोगों के उपचार के लिए विभिन्न मंत्रों का जाप। क्योंकि रोग नाड़ी से ही उत्पन्न होते हैं और जो नाड़ी रोग से ग्रस्त होंए उस नाड़ी से संबंधित मंत्र का निश्चित संख्या तक जाप करने से वह नाड़ी शुद्ध हो जाती है और शरीर निरोगी। इसी प्रकार जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाओंए परेशानियों से पार पानेए सुख.समृद्धिए धन.धान्यए वैभव.ऐश्वर्य प्राप्त करनेए शत्रुओं का नाश करने और आरोग्य.सौभाग्य प्राप्त करने के लिए हमारे प्राचीन ऋषि.मुनियों ने अथक प्रयास करए वर्षों तक साधना करए जन.कल्याण के लिए मंत्रों की रचना की। अलग.अलग मंत्रों की रचनाए साधनाओं.प्रयोगोंए पूजा.पाठए जप.अनुष्ठान की विधियां इस संसार को प्रदान की। आज हम उन्हीं मंत्रों के जाप सेए उन्हीं वैदिक अनुष्ठानों सेए पूजा.पाठ से लाभान्वित हो रहे हैं। आप किस प्रयोजन के लिए मंत्र जाप करना चाहते हैंघ् सुख.समृद्धि के लिएघ् मोक्ष प्राप्ति के लिएए शत्रुओं के नाश के लिए या किसी भी कामना के लिए। तो हर कामना के लिए अलग मंत्र है। आप किसी ग्रह को अपने अनुरूप बनाना चाहते हैं तो हर ग्रह का अलग.अलग मंत्र है। इसकी जानकारी चाहें तो आप आध्यात्मिक साधना सिद्धि केन्द्र से संपर्क कर सकते हैं।