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श्राद्ध में तिथियों का महत्व

वैसे तो श्राद्ध पक्ष के सभी दिन विशेष महत्वपूर्ण है परन्तु किस दिन श्राद्ध करने पर कौनसी मनोकामना पूरी होगी इस बारे में विशेष जानकारी:-

* प्रतिपदा का श्राद्ध करने से – धन-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है। ठीक उसी तरह उसके अगले दिन यानि

* द्वितीया तिथि को श्राद्ध करने से – सुन्दर, सुशील पत्नी मिलती है।

* तृतीया तिथि को श्राद्ध करने से – शत्रुओं का नाश

* चतुर्थी तिथि को श्राद्ध – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्ति

* पंचमी तिथि को श्राद्ध – पुत्र प्राप्ति

* षष्ठी तिथि को श्राद्ध – देवता व पित्तर प्रसन्न होकर मान-सम्मान में वृद्धिदायक

* सप्तमी तिथि को श्राद्ध – सुख-समृद्धि, शांति एवं यज्ञ समान पुण्य फलदायक।

* अष्टमी तिथि को श्राद्ध – बल-बुद्धि, विद्या, सम्पूर्ण समृद्धि एवं सिद्धि दायक

* नवमी तिथि को श्राद्ध – धन, सम्पत्ति, ऐश्वर्य एवं मनोनुकूल पत्नी प्राप्ति

* दशमी तिथि को श्राद्ध – महालक्ष्मी दायक

* एकादशी को श्राद्ध – सम्पूर्ण पाप कर्म विनाषक एवं वंषवृद्धि दायक

* द्वादशी तिथि को श्राद्ध – दीर्घायु तथा निरोगी काया

* त्रयोदशी तिथि को श्राद्ध – धन, सम्पत्ति, बुद्धि, ऐश्वर्य दायक

* चतुर्दशी को श्राद्ध – जो आत्महत्या, दुर्घटना, हत्या, सर्पदंश व हथियारों से मारे गए हों, उनक¢ लिए चतुर्दशी को श्राद्ध करना चाहिए। जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।

* अमावस्या तिथि यानि की 12 अक्टूबर सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध सर्वसिद्धिदायक एवं पितृों की अतिप्रिय तिथि है। इस दिन श्राद्ध करने से पितृदोष से संबंधित समस्याआंे का दोष समाप्त हो जाता है।

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