जिस प्रकार विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए भिन्न प्रकार के द्रव्यों के अभिषेक किया जाता है उसी प्रकार सावन माह में शिवलिंग को अपनी कामनापूर्ति के लिए भिन्न-भिन्न पुष्पों से प्रसन्न किए जाने का वर्णन भी शिवमहापुराण में आता है। चंपा और चमेली के पुष्प शिव को अर्पित नहीं किए जाते, शेष सभी पुष्प शिव को चढाए जा सकते हैं।
शिवपुराण के अनुसार भोलेनाथ को धतूरा सबसे प्रिय है, धतूरा अर्पण करने से कुलदीपक संतान की प्राप्ति होती है जो कुल का नाम रोशन करती है।
सफेद आक का पुष्प भी महादेव को प्रिय है और इसके अर्पण से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
गुलाबी आभा वाले आक पुष्प से मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
नीलकंठ को शमी वृक्ष के पत्तो से भी प्रसन्न किया जाता है। इससे मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है, शनि जनित कष्टों का नाश हो जाता है।
सुंदर, सुशील और गृहकार्य में दक्ष पत्नी की कामना हो तो शशि शेखर को बेला के पुष्प अर्पण करें, मनचाही पत्नी मिलेगी।
घर में धन-धान्य की कभी कमी न आए इसके लिए भोलेबाबा को जूही के पुष्प अर्पित करें, कनेर के पुष्प से देवाधिदेव प्रसन्न होकर रोग नाश करते हैं तो कमल पुष्प व बिल्बपत्र या शंख पुष्प से धन-धान्य और हरश्रृंगार के फूल से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
किस पुष्प से किस कामना की पूर्ति
08
Mar